कुमार विश्वाश जी ने लिखा है फेसबुक पे--
"क्या हम इतने असहिष्णु हो गए हैं कि किसी के मरने पर भी उसे गाली दे सकते हैं ? शायद ये भारत,भारतीयता और हिंदुत्व तो नहीं सिखाता ! कम से कम मेरा हिन्दुत्व और भारत तो मुझे ये नहीं सिखाता ! रावण के धराशायी होने पर मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम भी उन्हें प्रणाम करने गए थे और अनुज लक्ष्मण से कहा था कि इन से "राजनीती" सीखो ! उम्मीद है आप सब भी भारतीय हैं !"
यह उन्होंने इश लिए लिखा क्यों के बालासाहेब ठाकरे की मौत के बाद काफी लोगो ने हर्ष जाहिर किया था पर क्या कुमार जी बताएँगे की जिस दिन कसाब को फांसी दी जाएगी क्या उष दिन भी वो यही कहेंगे ?
शायद नही क्यों की कसाब और अफजल गुरु आतंकवादी हैं पर जरा कुमार साहब उन परिवारों से पूछे जो ठाकरे परिवार के कारण अपना धंधा पानी छोड़ने को मजबूर हुआ उनके लिए ठाकरे एक आतंक से कम नही थे |
वो परिवार हर्ष क्यों ना मनाये ??????? और इश हर्ष को मनाने से वे असहिष्णु नही हो जाते |
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